Type Of Injustice Read Count : 182

Category : Articles

Sub Category : Lifestyle

You resist injustice while make death also came so no matter what , because your incoming generations your revenge for the death move, but if you unjustly suffer, the living do so, your incoming generations, even slaves remain.
                    - Dr. Babasaheb Ambedkar
Injustice What do you mean?
It's easy to tell, but hard to understand. Although the injustice in many ways can be , but its intensity sheave of mentality depends on. Anyone struck, given we it the injustice of the two types can be divided into. A view or direct injustice and the other the invisible or indirect injustice .
Visual or actual (direct injustice) the wrong thing - any person to kill, a house to rob, any of the items rob, someone teasing,someone girl to recreate, kidnapping fuck, check home, Kindle , Ranch,blasting grain, damage to , murder, theft, rape as a crime , to bomb blast addicted and much more.
The example above such thoughts that are unreasonable. These things with open eyes is seen ,its signs easily find can be.Or they around us are. This type of injustice can easily makes sense of this injustice is the same. Therefore it scenes injustice has to be said.
The invisible or indirect injustice - inadequate legislation , any group or a particular race, the obstacle to generate the rule ; , false news, to false advertising promoting, lying, creates the illusion of situations to build , wrong information provided, to be eligible at nurses to reject, or the jobs dont pay , the higher educated the person the importance not to give employment ,not pay , unworthy victims, promote,give them jobs, give them importance, magnify, particular colleagues by placing the Russo forced to do, Pressure or torture techniques to use, Justice delayed to do, the New create barriers to. There are many such examples which we can give. This kind of injustice real eyes could not be seen. But its results are very far-reaching consists.
It is only for one person but not the whole society, deadly to prove that. Not only is it rather its effect on the nation also falls. As a result, the nation's downgrade occurs, the nation in the fall comes.
View the injustice individuals, families, and the injustice of people belonging to disrupt progress,or stop it. Will stop. But invisible like the injustice of the whole society and progress of the nation, prevents the.
Any kind of injustice is very bad and it's not with someone should be.Example as we Crimilayer certificate take the example as invisible injustice, and Khairlanji and Nirbhaya scandal example  the direct injustice are. All the injustice the definition of the understanding must , with, not of injustice there and his results also should be able to understand .If this happens, then most of the people progress is possible . If not where this will remain the same, and this exploited the lives lost to live. The common man's life just!

अन्यायाचा प्रतिकार करतांना तुम्हाला प्रसंगी मरण आले तरी चालेल ;कारण तुमची भावी पिढी तुमच्या मृत्यूचा बदला घेईल ;परंतु तुम्ही अन्याय सहन करून जगलात तर तुमच्या भावी पिढ्याही गुलामच राहतील.   
                     -  डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर
अन्याय कशाला म्हणायचंय?
सांगणे फार सोपी आहे ;परंतु समजणे फार कठिन आहे. अन्याय हा अनेक प्रकारे होत असला तरी त्याची तिव्रता ही समजणा-याच्या मानसिकतेवर अवलंबून आहे.दृश्य किंवा प्रत्यक्ष अन्याय आणि अदृश्य  किंवा अप्रत्यक्ष अन्याय असे समजण्यासाठी समजू.
दृश्य किंवा प्रत्यक्ष अन्याय -एखाद्या व्यक्तीला मारणे,कागाळी करणे,वस्तू पळवणे, मुलींना फूस लावून पळवून नेणे, अपहरण करणे, घर जाळणे, शेताची नासधूस करणे, खून, चोरी, बलात्कार करणे,  बंॉबस्फोट इत्यादी , आणखीही खूप सारी उदाहरणे सांगता येतील. उपरोक्त उदाहरणे ही दृश्य अन्यायाची आहेत. या गोष्टी उघड्या डोळ्यांनी बघीतल्या आहेत किंवा त्या आपल्या आसपास घडत असतात. म्हणून यांना दृश्य अन्याय असं म्हणता येईल.
अदृश्य किंवा अप्रत्यक्ष अन्याय- अपुरा कायदे करणे, एखाद्या गटाला किंवा विशिष्ट जातीला मारक किंवा अडथळा  निर्माण करण्यासाठी नियम बनवणे, नियमानुसार हक्क न देणे किंवा योग्य असुनही न देणे, एखाद्याच्या विरोधात भडकविणे, जातियवादाची परिस्थिती तयार करणे,विवादास्पद शब्दांचा वापर करुन बुचकळ्यात पाडणे, अफवा पसरवणे, खोट्या बातम्या देणे, खोट्या जाहीरातीला उत्तेजन देणे, खोटे बोलणे, गोंधळाची परिस्थिती निर्माण करणे, खोटी माहीती पुरवणे, पात्र असूनही नोकरी नाकारणे,  उच्चशिक्षीत व्यक्तीस काम न देणे, अपात्र व्यक्तीचे महत्त्व वाढवणे, विशिष्ट सहका-यांना धरुन बळजबरी करणे, दबाव आणणे किंवा तसल्या तंत्रांचा वापर करणे, न्याय देण्यास विलंब करणे,नविन नविन अडथळे तयार करणे ,अशा खूप प्रकारची उदाहरणे आपल्याला देता येतील. या प्रकारातील अन्याय प्रत्यक्ष डोळ्यांनी बघता येत नाही.परंतु याचा परिणाम मात्र दुरगामी होणारा आहे.
हा केवळ एका व्यक्तीवर होत नसून संपूर्ण समाजावर होत असतो.इतकंच नाही तर राष्ट्रावर  देखील त्याचा इफेक्ट होतो. परिणामी राष्ट्राची अधोगती होते.
दृश्य प्रकारच्या अन्यायाने व्यक्तिगत ,पारिवारिक तसेच अन्यायग्रस्तांच्या निगडित लोकांची प्रगती खुंटते किंवा थांबली जाते. तर अदृश्य प्रकारच्या अन्यायाने संपूर्ण समाजाची  व राष्ट्राची प्रगती रोखल्या जाते.
अन्याय कोणत्याही प्रकारचा असो तो फार वाईट असून तो कोणावरही होऊ नये.त्यातच माणसाची माणुसकी आहे.
क्रिमीलेयर सर्टिफिकेट चे उदाहरण हे अदृश्य अन्यायाचे आहे, तर खैरलांजी आणि निर्भया कांड ही उदाहरणे दृश्य अन्यायाची आहेत. अन्यायाची व्याख्या प्रत्येकाला समजली पाहिजे, इतकंच नाही तर त्याची तिव्रता व पुढे होणारा परिणाम देखील ओळखता आला पाहिजे.असे जर झाले तरच बहुसंख्यक लोकांची प्रगती संभव आहे, नाही तर आहे तिथेच रहा.त्याहीपेक्षा रसातळाला जा , असे म्हणता येईल.
आपको अन्याय का विरोध करते हुए  मौकेपर मौत भी आयी तो कोई बात नही , क्योंकि आपकी आने वाली पीढ़ियाँ आपकी मौत का बदला लेंगी, लेकिन अगर आप अन्याय सहते हुए   जीवनयापन करोगे तो आपकी आने वाली पीढ़ियाँ भी गुलाम बनी रहेंगी।
                     - डॉ .बाबासाहेब अम्बेडकर
अन्याय से आपका क्या तात्पर्य है?
यह बताना आसान है, लेकिन समझना कठिन है। यद्यपि अन्याय कई तरह से हो सकता है , लेकिन इसकी तीव्रता समझनेवाले की मानसिकता पर निर्भर करती है। अन्यायके स्वरूपको देखते हुए हम इसे अन्याय के दो प्रकारों में विभाजित कर सकते है। एक  दृश्य या प्रत्यक्ष अन्याय और  दुसरा अदृश्य या अप्रत्यक्ष अन्याय ।
दृश्य या वास्तविक (प्रत्यक्ष अन्याय) गलत काम - किसी व्यक्ति को मारना, किसी घर को लूटना, किसी की वस्तुएँ  लूटना, किसीको छेड़ना,किसी लड़की को बहलाना, अपहरण करना, किसीका घर  जलाना , किसी के खेत  नष्ट करना,अनाज का नुकसान करना , हत्या, चोरी, बलात्कार जैसे अपराध करना , बम विस्फोट आदी और बहुत कुछ।
उपरोक्त उदाहरण ऐसे विचार हैं जो अनुचित हैं। इन चीजों को खुली आंखों से देखा जाता है ,इसके सबुतको आसानी से ढुंढा जा सकता है।या वे हमारे आसपास होती हैं। इस प्रकार का अन्याय आसानी से समझ में आता है,  की यह अन्याय ही है। इसलिए इसे दृश्य अन्याय कहा जा सकता है।
अदृश्य या अप्रत्यक्ष अन्याय - अपर्याप्त कानून बनाना , किसी समूह या एक विशेष जाति को बाधा उत्पन्न करने के लिए नियम बनाना ; , झूठी खबरे देना, झूठे विज्ञापन को बढ़ावा देना, झूठ बोलना, भ्रम पैदा करनेकी  स्थितियों का निर्माण करना , गलत जानकारी प्रदान करना, योग्य होने परभी  नौकरियोंमें   अस्वीकार करना, या नौकरियां न देना , उच्च शिक्षित व्यक्ति को महत्त्व न देना ,रोजगार न देना , अयोग्य व्यक्तियोंको बढ़ावा देना,उनको नौकरियां देना, उनका महत्व  बढ़ाना, विशेष सहयोगियों को रखकर दुसरोंको मजबूर करना, दबाव या यातना तकनीकों का उपयोग करना, न्याय में देरी करना, नए अवरोध पैदा करना। ऐसे कई उदाहरण हैं जो हम दे सकते हैं। इस तरह का अन्याय वास्तविक आँखों से नहीं देखा जा सकता है। लेकिन इसके परिणाम बहुत दूरगामी होते हैं।
यह केवल एक व्यक्ति के लिए नहीं बल्कि पूरे समाज के लिए घातक सिद्ध  होते है। न केवल यह बल्कि इसका प्रभाव राष्ट्र पर भी पड़ता है। परिणामस्वरूप, राष्ट्र की अधोगति होती है, राष्ट्र गिरावट में आता  है।
दृश्य अन्याय व्यक्तियों, परिवारों और अन्याय से संबंधित लोगों की प्रगति को बाधित करता है,या रोक देता है। रोक देगा। लेकिन अदृश्य तरह का अन्याय पूरे समाज और राष्ट्र की प्रगति को रोकता है।
किसी भी तरह का अन्याय बहुत बुरा है और यह किसी के साथ नहीं किया जाना चाहिए।उदाहरण के तौरपर हम  क्रिमिलेयर सर्टिफिकेट का  उदाहरण ले सकते है।
क्रिमेलियर सर्टिफिकेट के उदाहरण अदृश्य अन्याय हैं, जबकि खैरलांजी और निर्भया कांड के उदाहरण दृश्य अन्याय का  हैं। सभी को अन्याय की परिभाषा को समझना चाहिए , इतनाही नही बल्कि अन्याय की तिव्रता  और उसका परिणाम भी समझ में आना चाहिए ।यदि ऐसा होता है, तो अधिकांश लोगों की प्रगति संभव है, वर्ना जहाँ के तहाँ ही रहेंगे और ऐसेही शोषित की जिंदगियाँ जियेंगे। आम आदमी की जिंदगी बस!
***

Comments

  • No Comments
Log Out?

Are you sure you want to log out?