वक्तकी आवाज सुनो
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Category : Songs
Sub Category : R&B/Soul
वक्त की आवाज सुनोवक्त है संभल जाओवक्त ही कह रहा है चल संभल यहाँ से ।चारों तरफ़ उठ रही है मज़हब की दीवारेंसिनेमें उतर रही है यह बनके तलवारेये कैसा समा आ रहा, कौन ये ला रहाजीवनके इस जहाँ से।वतन के हर तरफ ये आग लगी हैचुनाव के मौसम ये जागने लगी हैराजनीति के पेडको आ रहे है फल, क्या होगा कलचलते चलते राहों से ।बेगुनाहों की जान यहाँ चली जाती हैअॉखों में पानी, रुलाई आती नही हैये कैसे है सितमगर, दिल नही क्या इनके अंदरकैसे भटके है राहों से ।कुछ तो खयाल कर उन फुलों का, कलियों काइक बार नजर डाल, क्या हाल है गलियों काकौन यहाँ हस रहा, कौन यहाँ फस रहाजान ले अपनी आहों से ।दिखाई दे रही चेहरोंपे भड़कती आगकही भड़क रहा शोला, कही मौत का रागकौन यहाँ रो रहा, कौन यहाँ सो रहादेख ले अपनी निगाहों से ।
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