जीवन है आशा निराशा Read Count : 129

Category : Songs

Sub Category : LoveSong
जीवन है आशा निराशा का खेल
कहीपर टूट जाता है दिल, कहीपर लूट जाता है दिल
कहीपर होता है दिल दिल से मेल। जीवन है.. 
कही बदहवासी छाती है
कही खुशियाँ रंग लाती है
 क्या क्या रंग दिखाता किस्मत का खेल। जीवन है
मौसम भी कभी आता है लिए संग तुफान
लुटकर चला जाता है यह अपना जहान
कभी कभी लाता है ओही खुशियाँ रंगेल। जीवन है
बसंत जब आता है, कलियाँ दिल खिल जाते है
ग्रीष्मकी किरनों से चेहरें फूल मुरझाते है
कोई भौरा बिछड़ जाता, किसीका होता फुलोंसे मेल।
कभी कभी इलज़ाम बेगुनाह पर लगाया जाता
कोई बदलकर नाम पर्दे के पिछे छिपा रहता
क्यों भुगतना पडता, किसी जीवन को जेल। जीवन है
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