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Category : Poems

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रोजगार पाकर लोग कहते है कि रोजगार नहीं मिलता.... 

कपडे सिलकर दर्जी कहता है सिलने को कपड़ा नहीं मिलता.... 

क्या जमाना आ गया मेरे दोस्त.... 

राहुल जी भी सांसद मे भाषण बोल कहते है उन्हें बोलने का मौका नहीं मिलता....  


रोजगार कि परिभाषा देखो कौन सीखा रहा हमको 

उन्हें क्या पता जिन्होंने लुटा 50 साल सबको... 

अरे सरकार पर ऊँगली उठते ही ये ख़ुशी से फूल जाते है... 

अरे ये  वही लोग है जो अपनी बारी पर रोजगार भूल जाते है..   

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