29 फरवरी Read Count : 138

Category : Books-Fiction

Sub Category : Suspense/Mystery

                       पहला दृश्य


रात के 12 बज रहे थे तभी मोबाइल बजती है ऋचा मोबाइल देखके पहले मुस्कुराती है(मानो वो जैसे उस कॉल का इंतजार ही कर रही हो)फिर वो कॉल रिसीव करती है।उधर से आवाज आती है“हैपी बर्डे बेबी”....ममममममम

थैंक यू मैं ना तम्हारे ही कॉल का इंतेजार कर रही थी।फिर दोनों और भी बाते करने लगते हैं।

तभी कोई दरवाजा नॉक करता है।ऋचा बोलती है रुको बेबी” पता नहीं कौन अभी आया है और दरवाजा खोलने के लिए बढ़ती है।दरवाजा खोलते ही दरवाजे पे खरे व्यक्ति को देख वो चौक जाती और बोलती है ....तुम।मोबाइल के उस पर बाला लड़का सारी बाते सुन रहा था।फिर अकस्मात उसे गोलियों के चलने की अवाज  आयी वो उधर से बेबी बेबी करते रह गया लेकिन तब तक गोली चल चुकी थी।


                         दूसरा दृश्य


नवीन अचानक सपने से जागता है....क्योंकि उसने सपने में अपनी गर्लफ्रैंड ऋचा का मर्डर होते सुना था वो काफी डरा हुआ था वो तुरंत ही ऋचा को कॉल करता है और बहुत ही डरे हुए लफ्जो में पूछता है तू..तू..तुम ठीक हो,वो बोलती है ह्म्म्म फाइन मुझे क्या हुआ और तुम इतना डारे हुए क्यों हो...?नवीन बोलता है नही नही कुछ भी नही बस ऐसे ही पूछ रहा था।

ऋचा:तो तुम इतने डरे हुए क्यों हो...??बताओ मुझे

नवीन:अच्छा आज शाम में मिलते हैं तो बताता हूँ।


                          तीसरा दृश्य


ऋचा कसके हस्ती है और नवीन को बोलती है तुमने सपना देखा कि मेरा कोई मर्डर कर रहा है वो भी मेरे बर्थडे बाले दिन....So funny

नवीन : तुम्हारा कोई दुश्मन...???

ऋचा:ohhh..Forget it yaar it was just a dream...और परसो ही तो मेरा बर्थडे है...Let's see..

नवीन:leave it...चलो कुछ ऑर्डर करते हैं।


                        चौथा दृश्य। 


और आज वो दिन आ ही जाती है।12 बजे नवीन कॉल करता है ऋचा कॉल रिसीव करती है फिर बोलती है रुको बेबी पता नहीं कौन अभी आया है(नवीन को अपने सपने बाली बात याद आती है)।वो चिल्लाके बोलता है दरवाजा मत खोलना मत खोलो।वो बोलती है wait अरे कोई अपार्टमेंट का ही होगा..फिर वोही अवाज तुम और फिर गोलियों की आवाज..फर्क बस इतना था कि इस बार ये पूरी घटना सच्चाई में हुई थी।

नवीन सर पकड़े बैठ जाता है उसे तो कुछ समझ ही नहीं आ रहा था कि ये हुआ क्या..

ऐसा कैसे संभव है..अपने गर्लफ्रैंड के खोने का दुःख तो था ही लेकिन उसे इस बात का ज्यादा दुःख था कि शायद...शायद उसे पता था कि उसके गर्लफ्रैंड का आज मर्डर होने बाला था।


         नवीन जो कि एक “mimicry artist”है।वैसे तो वी इलाहाबाद का था लेकिन अभी मुम्बई में अपने दोस्त त्रिपाठी के साथ रह रहा था।इन दो दिनों में उसके साथ एक अजीब घटना घटी थी वो पहले सपना देखता है और वो फिर सही भी हो जाता है।


                       पांचमा दृश्य



नवीन और त्रिपाठी आपस में बाते कर रहे थे।नवीन इन दो दिनों में हुए सारी घटनाओं को त्रिपाठी को बताता है।त्रिपाठी भी कुछ देर के लिए तो सोच में पड़ जाता है। फिर वो उसे समझाता है कि शायद बस ये एक संयोग हो..।

“नहीं यार सारी बाते बिल्कुल वैसे ही हुई जैसे मैंनें सपने में देखा था"नवीन बोलता है।

छोर भाई ये सब मूव ऑन कर कब तक सोच सोच के अपना तबियत खराब करेगा,त्रिपाठी नवीन को मन रखने के लिए ऐसा बोलता है ऑर उसे ये सब भूल जाने को बोलता है।


                          छळा दृश्य


रात के 11 बज रहे थे नवीन बस सोने ही जा रहा था आजकल तो उसे सोने जाने में भी डर लगता है क्या पता फिर से कोई सपना देखे और वो सच हो जाये।बस यही सब सोचते सोचते उसे नींद आ जाती है।.....

रात के 3 बज रहे थे तभी अचानक उसकी नींद खुलती है और वो बहुत ही डरा हुआ प्रतीत हो रहा था वो त्रिपाठी को उठाता है और बोलता है यार आज मैंनें सपने में देखा कि मेरे दादा जी मर गए मैं अपने गांव में हूँ सभी रो रहे हैं।

अरे यार तम्हारे दादा जी का तो ऐसे भी महीनों से तैबियत खराब चल रहा है अब तो वो 90 के हो गए कब तक जियेंगे,त्रिपाठी बोलता है।तू पागल हो गया है क्या,ये मेरे सपने में आया है और ये कहीं ऋचा की तरह सच हो गया तो....??

“अरे यार तू अभी जा सो जाके सुबह बात करते हैं”,त्रिपाठी बोलता है।

अरे यार मेरे दादा जी मरने वाले हैं और तुम्हें सोने की पड़ी है।

त्रिपाठी को भी अंदर से डर था वो किसी तरह नवीन को समझाता है और उसे सो जाने को बोलता है।


                          7th दृश्य


कल सुबह होती है।

त्रिपाठी:क्यों तू अभी तक यहीं पे है घर नहीं गया...तेरे दादा जी तो जाने वाले थे ना क्या हुआ..(त्रिपाठी हसी हसी में बोलता है)

नवीन:oh..Thank God yaar nothing happened like that...मैं तो रात में कितना डर गया था।

त्रिपाठी:में तो बोल ही रहा था...that was just a coincidence bro...चल उठ जा और चाय बना मेरे लिए।


                         8th दृश्य


आज वो देखे हुए सपने के तीन दिन हो चुके थे घर पे सब ठीक था दादा जी भी ठीक थे।

नवीन अपने मोबाइल पे गेम खेल रहा था तभी उसके मम्मी का कॉल आता है और वो बोलती हैं “बेटा घर आ जा तुम्हारे दादा जी नहीं रे”

नवीन के हाथ से मोबाइल छूट जाता है और वो बहुत ज्यादा घबड़ा जाता है ।उसे दादा जी के मरने का दुःख तो था लेकिन उसे उस बात की ज्यादा परेशानी थी कि उसके ये सपने बार-बार सच कैसे हो जा रहें हैं।नवीन तुरंत अपने दोस्त त्रिपाठी को कॉल लगाता है।


                         9th दृश्य


तुषार जो कि नवीन की तरह ही एक मिमिक्री आर्टिस्ट है और वो उसी प्रोडक्शन हाउस में काम करता है जहां नवीन काम करता है।

वो कुर्सी पे बैठे उस प्रोडक्शन हाउस के मालिक “सिद्धार्थ रॉय"का इंतेजार कर रहा था।

तुषार:सर अगले फ़िल्म में मुझे ही मौका मिलना चाहिए सर मैं उस नवीन से काफी अच्छा कर सकता हूँ मुझे बस एक मौका दीजिये सर।

सिद्धार्थ:yes you are very talented but हमारे सारे मेंबर्स ने ये प्रोजेक्ट नवीन को देने का सोच रखा है and he is more experienced..but we will think about this

तुषार:please sir give me one opportunity.

सिद्धार्थ:ठीक है हमलोग फिर से इस बारे में विचार करेंगें best of luck..


                            10th दृश्य

त्रिपाठी सर पकड़े सोफे पे बैठा है।नवीन इधर उधर रूम में चल रहा है।


नवीन:tell me..Just tell me क्या करूँ यार क्या मुझे किसी डॉक्टर के पास जाना चाहिए..?

ये कोई बीमारी है...

त्रिपाठी:मुझे तो खुद समझ नहीं आ रहा..How can it be possible.. ये सपने देखना फिर उसका सच हो जाना ये बीमारी तो नहीं है बॉस..

ये तो कोई नेचुरल पॉवर लगता है..

नवीन:चुप..मेरी यहां फटी पड़ी है और तुझे मजाक सूझ रहा है नेचुरल पॉवर

त्रिपाठी:अरे यार मैं मजाक नही कर रहा ये कोई बीमारी नही लेकिन पता नही क्या है..।मुझे तो लगता है तुझे किसी तांत्रिक की जरूरत है..।

नवीन:फिलहाल तो मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा पर ये तांत्रिक ये सब not a good deal.


और फिर इसी तरह महीने बीतते गए और नवीन के कई सारे सपने सच हुए नवीन महीनों से परेशान था वो कुछ डॉक्टर्स से भी मिला पर कुछ ना हुआ।

                        11th दृश्य


रात के 12 बजने बाले थे नवीन अभी अपने ऑफिस में ही था आज कुछ काम ज्यादा था और वो अपने प्रोजेक्ट पे काम कर रहा था वो तभी त्रिपाठी की कॉल आती है कहाँ है तू 12 बजने बाले हैं..नवीन अपने डेस्कटॉप पे देखता है 11:55 हो रहे थे।आता हूँ बस निकलने ही बाला हूँ।फिर नवीन अपने बैग में सारा सामान रखने लगता है तभी रिकॉर्डिंग रूम से उसे किसी के आने की आवाज सुनाई देती है।नवीन रिकॉर्डिंग रूम की तरफ आगे बढ़ता है और बोलता है कौन...कौन है वोहाँ तभी मुँह पे मास्क लगाए हुए एक आदमी उसके सामने से आता और उसकी तरफ गोलियां चलाने लगता है।नवीन बचने का पूरा प्रयाश करता है पर एक गोली उसे छू के निकल जाती है और वो वोहीं जमीन पे गिर जाता है और वो मास्क मैन वोहाँ से भाग जाता है..।

नवीन उठ नवीन उठ यार उठ न देख 8 बज गए हैं ऑफिस नहीं जाना तुझे उठ उठ और त्रिपाठी उसे जगा देता है...

नवीन:ohhh...f**k तू उठा क्यों दिया मुझे अब मैं मारने वाला हूँ कोई मुझे मार देगा।में ये काम ही छोर दूंगा

त्रिपाठी:क्या बके जा रहा है क्या हुआ आज क्या देख लिया सपने में।

नवीन:कोई मुझे मार देगा मैं ऑफिस से निकल ही रह था और हाँ तेरा कॉल भी आया था..कोई मुझे मार देगा यार 

त्रिपाठी:तू पूरा पूरा बता क्या हुआ था सपने में तूने देखा कौन गोली चला रहा था।इस बार तेरा सपना सच नहीं होने देंगें.. पूरा याद कर क्या क्या हुआ था।

नवीन:मैं ऑफिस में काम कर रहा था तेरा कॉल आया था हाँ याद है मुझे 11:55 हो रहे थे और तारीख था 28 फरवरी और वो गोली लगी होगी मुझे 12 बजे के बाद ही इसका मतलब 1 मार्च...आज है 26 फरवरी मतलब 5 दिन बाद......?

त्रिपाठी:तूने तारिख अछ्छे से देखी थी ना...??

नवीन:ohh shit shit shit...यदि ईयर 2020 हुई तो.......??

 (दोनों के चेहरे पे शिकन साफ साफ दिख रही थी)

  नवीन का मर्डर 1 मार्च या 29 फरवरी......???



                              To be continued......



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