मेरी मां
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Category : Poems
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मां है एक जीवन का प्याला
करती है सब कुछ निराला ।
बच्चे को है जान वो देती
हर मुश्किल से उसे बचाती ।
दुनिया मे कुछ भी नही है ऐसा
जो हो मां के प्रेम के जैसा ।
खुदा मेरी, भगवान है मेरी
है मेरे जीवन की डोरी।
जीवन जीना मुझे सिखाती
जीवन का सही अर्थ बताती ।
राग जीवन का एक बताती
परोपकार का पाठ पढ़ती।
मां के बिना जीवन है खाली
भर जाती है अंधियारी काली ।
भेद का भाव न हो जिसमे
ममता ऐसी होती है उस मे ।
रामकथा का ज्ञान वह देती
रामराज्य का अर्थ बताती ।
जितना भी तुम उसे रुलाते
चोट लगे तो उसे ही बुलाते।
मां है ममता का भंडार
बच्चे है जिसका संसार ।
मां की ममता की है पुकार
दुनिया मे जिसका संचार ।
कवियो ने भी खूब लिखा है
मां के प्रेम का गान किया है ।
मेरी मां मेरी है जननी
है मेरे देखो की हरानी ।।1।।