Dec 09, 2017 | Rating : | Written by Jaswant Kumar
अकेलाRead Count : 49
Category : Poems
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तन्हां अकेला बैठा था
अचानक बंसती हवा आती है
सच बताऊ तो, वो मुझे
बहुत सताती है
उनकी यादो में खो जाता हूँ
हल्की सी रोशनी में
उसकी तस्वीर निहारा करता हूँ।